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अगर फोन में देख रहे हैं पोर्न तो भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां

गूगल प्ले स्टोर में एडल्ट कंटेंट देने वाले ऐप्स की भरमार है इसके अलावा इंटरनेट पर लाखों ऐसी वेबसाइट्स भी हैं। पोर्न देखना बेहद निजी मामला है और इसे लेकर इंडिया में कोई लीगल रेस्ट्रिक्शन भी नहीं है





 



 


उद्घोष समय
उद्घोष समय (पत्रिका)
अंकित शर्मा


गैजेट डेस्क। गूगल प्ले स्टोर में अडल्ट कंटेंट देने वाले ऐप्स की भरमार है इसके अलावा इंटरनेट पर लाखों ऐसी वेबसाइट्स भी हैं। पोर्न देखना बेहद निजी मामला है और इसे लेकर इंडिया में कोई लीगल रेस्ट्रिक्शन भी नहीं है। लेकिन एक्सपर्ट्स एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स पर पोर्न न देखने की सलाह देते हैं। एंड्रॉइड स्मार्टफोन कई सारे पर्सनल इंफॉर्मेशन सेव होते हैं ऐसे में फोन पर पोर्न विजिट करना बहुत बड़ा रिस्क हो सकता है। इससे आपकी बैंकिंग डिटेल्स से लेकर पर्सनल फोटोज तक बहुत कुछ लीक हो सकता है। हाल ही में एश्ली मैडिसन नाम की विवादित डेटिंग वेबसाइट के यूजर्स का डाटा पोर्न साइट्स देखने के कारण हैक हो गया था। इसमें कस्टमर डाटाबेस भी शामिल था। एक रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स 5000 डॉलर हर दिन सिर्फ पोर्न साइट्स के जरिए कमाते हैं।क्यों होता है एंड्रॉइड यूजर्स को नुकसान... Dell की एक रिपोर्ट के मुताबिक- 
मई 2016 में आई डेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मालवेयर और बग्स पोर्न ऐप्स और साइट्स के जरिए ज्यादा आते हैं। इसमें से एक बग ऐसा भी है जिससे एंड्रॉइड स्क्रीन को लॉक किया जा सकता है। ये भी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए खतरा है। 
क्यों है एंड्रॉइड में ज्यादा खतरा... (एक पोर्न साइट द्वारा किए गए सर्वे के आंकड़े) - एंड्रॉइड का एनक्रिप्शन iOS के मुकाबले काफी वीक है।
- iOS के मुकाबले एंड्रॉइड स्मार्टफोन से पर्सनल डिटेल, बैंकिंग डिटेल और अन्य इंफॉर्मेशन हैक होने का खतरा ज्यादा होता है।
- एक रिपोर्ट के मुताबिक एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स पर पोर्न देखने वालों का पर्सेंटेज सबसे ज्यादा है।
- टोटल 49.9 पर्सेंट एंड्रॉइड यूजर्स पोर्न देखते हैं और यही काउंट iOS में 40.2 पर्सेंट हैं।
- विंडोज यूजर्स की बात की जाए तो ये नंबर सिर्फ 6 पर्सेंट है दूसरी तरफ ब्लैकबेरी यूजर्स सिर्फ 1.4 पर्सेंट। 
आग की स्लाइड्स पर जानें बाकी कारणों के बारे में...

इसकी संभावना तब और बढ़ जाती है, जब उस पोर्न साइट पर फेसबुक का प्लगइन लगा हो। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि फेसबुक लगातार ये ट्रैक करता है कि आप कौन-सी वेबसाइट्स सर्फ कर रहे हैं। इस इंफॉर्मेशन के बेसिस पर ही फेसबुक आपकी पसंद नापसंद पता करता है और आपको ऐड दिखाता है। इसके अलावा, एक्स्ट्रा प्लगइन के कारण फेसबुक प्रोफाइल पर शेयरिंग वायरस आने की संभावना बढ़ जाएगी।      
आगे की स्लाइड पर जानें फेसबुक शेयरिंस से कैसे बचें...

VAS Subscription - जैसे ही आप एंड्रॉइड स्मार्टफोन से कोई पोर्न वेबसाइट विजिट करते हैं आपके फोन में VAS सब्सक्रिप्शन एक्टिव हो जाता है। 
- जैसे कि Juiceup packs, Horoscope, Dream Girl packs जैसे VAS आपके फोन में सब्सक्राइब हो जाते हैं। 
- इन सर्विसेस के मंथली और डेली चार्ज भी एक्टिव हो जाते हैं।
-  अमाउंट कम होने के कारण यूजर का इसपर ध्यान नहीं जाता। ये अमाउंट 5 रुपए डेली से लेकर 35 रुपए मंथली हो सकते हैं।  
आगे की स्लाइड पर जानें VAS सब्सक्रिप्शन से कैसे बचें...

 - एंड्रॉइड स्मार्टफोन कई सारे पर्सनल इंफॉर्मेशन सेव होते हैं ऐसे में फोन पर पोर्न विजिट करना बहुत बड़ा रिस्क हो सकता है। 
- फोन की सिक्युरिटी और प्राइवेसी को नुकसान पहुंचाना साइबर क्रिमिनल्स का पहला मोटिव होता है।    आगे की स्लाइड पर जानें इससे कैसे बचें...

 

- एंड्रॉइड स्मार्टफोन में पोर्न टिकर्स की समस्या काफी पुरानी है। ये फेक लीगल एंड्रॉइड ऐप के फॉर्म में आते हैं। 
- Temple Run, Hay Day जैसे ऐप्स की क्रिडेंशियल्स चेक किए बिना अगर आपने डाउनलोड के बटन पर टैप किया तो आपके फोन में ट्रोजन वायरस का अटैक हो जाएगा।  
आगे की स्लाइड्स पर जानें पोर्न टिकर से कैसे बचें...

 

- इंटरनेट पर कुछ भी फ्री नहीं है। इसके लिए आपको पे तो करना ही पड़ता है चाहे वो कैश के रूप में हो या डाटा के। 
- कुछ मालवेयर ऐसे होते हैं जो एंड्रॉइड डिवाइस को लॉक कर देते हैं और इसे अनलॉक करने के बदले में यूजर से पैसे मांगते हैं।
- ऐसे मालवेयर को रैनसमवेयर भी कहते हैं। ये काफी रिस्की होते हैं।
- रैनसमवेयर अटैक होने पर फोन का पूरा डाटा हैकर के हाथ में होता है।
- इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि पैसे लेने के बाद वो आपका फोन अनलॉक कर देगा।  
आगे की स्लाइड पर जानें रैनसमवेयर से कैसे बचें... 

 




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