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धर्म संस्कार : भूलकर भी न करें इन तीनों का अपमान, धन व सुख का होगा नाश

व्यक्ति को अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए। बड़ों व बुजुर्गों के अपमान से व्यक्ति को नरक की यातनाओ को झेलना पड़ता है। वहीं मनु स्मृति में भी कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जिनका अपमान करने पर वे मौका मिलते ही आपका सर्वनाश कर सकते हैं। इसके साथ ही आपका धन व सुख भी चला जाता है। 

क्षत्रियं चैव सर्पं च ब्राह्मणं च बहुश्रुतम्।
नावमन्येत वै भूष्णु: कृशानापि कदाचन्।।
एतत्त्रयं हि पुरुषं निर्दहेदवमानितम्।
तस्मादेतत्त्रयं नित्यं नाममन्येत बुद्धिमान।।



अर्थात:
अपने को सुखी, स्वस्थ और समृद्धिशाली (धनवान) बनाने की कामना करने वाले को क्षत्रिय, सांप और बहुश्रुत (अशिक्षित) कमजोर ब्राह्मण को सताना नहीं चाहिए। ये तीनों अपना अपमान करने वाले से मौका मिलते ही बदला लेते हैं। इसलिए बुद्धिमान पुरुष को इनके सम्मान को ठेस पहुंचाने से बचना चाहिए।

क्षत्रिय अपना अपमान कभी भी सहन नहीं कर सकता। उनको जब मौका मिलता है वे अपने शत्रु का विनाश कर देते हैं। इसलिए भूलकर भी क्षत्रिय का अपमान नहीं करना चाहिए।

जब किसी का भूल से सांप के ऊपर पैर पड़ता है तो वह तुरंत उस व्यक्ति को काट लेता था। सांप के लिए अपने अपमान का बदला लेने का यही सही मौका होता है। 

ब्राह्मण व्यक्ति को अच्छी शिक्षा देकर सही रास्ते पर ले जाता है। ब्राह्मण का अपमान करना महापाप माना जाता है। यदि ब्राह्मण बदला लेना चाहे तो वह पूरे कुल का नाश कर सकता है। कभी भी ब्राह्मण का अपमान नहीं करना चाहिए।


प्रस्तुति : अंकित शर्मा


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