Header Ads Widget

Responsive Advertisement

नपा कोतमा में मवेशी बाजार की बैठकी में,जमकर हुई धांधली..!

 


32 से 34 लाख रुपए में होने वाला ठेका,मात्र 16 से 17 लाख रुपये थमाया,  आखिर जे.डी शहडो़ल ने  कैसे आंख मूंदकर कर दे दी टेंडर प्रक्रिया पर अपनी  सहमति,  इस खेल में कौन-कौन जनप्रतिनिधि व अधिकारी जिम्मेदार



कोतमा - नगर पालिका परिषद कोतमा अंतर्गत बाजार,बस स्टैंड एवं मवेशी बाजार बैठकी का टेंडर व ठेका नगर पालिका कोतमा द्वारा हमेशा किया जाता रहा है और इन तीनों जगहों से कई लाखो रुपए का प्रतिवर्ष नगरपालिका को राजस्व वसूली होती थी बाजार बैठकी बस स्टैंड व मवेशी बाजार सरस्वती स्कूल(बालक) प्रांगण के पास लगभग 32 लाख रुपए का टेंडर हुआ करता था हर वर्ष तीनों जगहों की बैठकी की बोली प्रतिवर्ष पुरानी रेट से बढ़ाकर हुआ करती थी अनूपपुर जिले की  एकमात्र सबसे बड़ी आमदनी आमदनी की मवेशी बाजार कोतमा है और ठेकेदार अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं आज मवेशी बाजार का ठेका लेने वाले ठेकेदार करोड़ों रुपए के मालिक हैं लेकिन पूर्व सीएमओ श्रीनिवास शर्मा की मेहरबानी से 32 से 34 लाख रुपए का होने वाला ठेका मात्र 16 से 17 लाख में जा कर अटक गया कारण मात्र सीएमओ की साठगांठ मिलीभगत व जेब गर्म करने के चक्कर में नगरपालिका के राजस्व पर ही घात लगाकर अधिकारी खुद तो मालामाल हुए लेकिन नगरपालिका की वसूली कि नैया डूबा दी। जब प्रशासनिक अमला ही अपनी जेब भरने के चक्कर में नगर पालिका की नईया डुबाने में लग जाए तो निश्चित ही नगरपालिका का भला होने वाला नहीं है फिर जब अधिकारी ही मिल जाए तो कुछ नेता ऐसे कामों में पीछे कैसे रह सकते हैं। अब यह भी देखना होगा कि मवेशी बाजार की टेंडर प्रक्रिया के समय टेंडर की बोली की राशि का एक चौथाई हिस्सा व स्टाम्प ड्यूटी उस समय कितनी जमा की गई थी या फिर उस पर भी गोलमाल हुआ।


ठेके की प्रक्रिया में हुआ गोलमाल -


नगर पालिका कोतमा में हर वर्ष मार्च के महीने में बाजार बस स्टैंड व मवेशी बाजार का टेंडर व बोली की प्रक्रिया होती है वर्ष 2018-19 में बाजार बैठकी लगभग 9 लाख 80 हजार,बस स्टैंड लगभग 4 लाख एवं मवेशी बाजार का लगभग 17 लाख रुपए का हुआ जबकि वर्ष 2017-18 में मवेशी बाजार का टेंडर 32 लाख रुपए हुआ था। जब 32 लाख रुपए का टेंडर 16 लाख रुपए में हुआ तो टेंडर निरस्त करने की प्रक्रिया होनी चाहिए थी लेकिन सभा कक्ष की बैठक मे सभापति,पार्षद एवं जनप्रतिनिधियों ने मौन धारण कर चुप्पी साध ली और ज्यादातर लोगों ने 16 लाख रुपए पर ही मवेशी बाजार टेंडर प्रक्रिया पर सहमति जाहिर की वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद देव शरण सिंह द्वारा मात्र मवेशी बाजार की बैठकी बोली पर अपनी आपत्ति जाहिर की थी।


कम रेट में बोली के लिए चढ़ी, चढ़ोतरी-


मवेशी बाजार कोतमा का टेंडर 32 से 34 लाख में न हो इसके लिए मोटी रकम की चढ़ो तरी कुछ जनप्रतिनिधियों व नेताओं को चढ़ाई गई जिससे नेता अधिकारी व जनप्रतिनिध ने चुप्पी साध ली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक जनप्रतिनिधि को 5 से 8 लाख रुपए दिए गए वहीं कुछ जनप्रतिनिधि जो विरोध कर  रहे थे उन्हें  भी 5-5 हजार रूपए का लिफाफा थमा दिया गया और उनका भी मुंह बन्द कर दिया गया। आखिर 32 लाख रुपए से अधिक बोली होने वाली मात्र 17 लाख रुपए में हो गई और नगर पालिका को 16 से 17 लाख रुपए का चूना राजस्व का लगाया गया तू आखिर इसका जिम्मेदार कौन कौन अधिकारी जनप्रतिनिधि है।


कहना है-


परिषद की बैठक में यदि 32 से 34 लाख का टेंडर 16 से 17 लाख में हुआ था इसे निरस्त होना चाहिए था आज लोग आपत्ति जाहिर कर रहे हैं  आपत्ति तो उसी वक्त होनी  चाहिए थी जब इसकी प्रक्रिया मार्च 2018 19 में शुरू हुई थी ।


शैलेंद्र ओझा 
मुख्य नगरपालिका अधिकारी, कोतमा


जो टेंडर 34 लाख रुपए की जगह 17 लाख रुपए में हुआ है वह सभी नियमो का पालन करते हुए किया गया है जे.डी. शहडोल का मार्गदर्शन व सहमति लेकर मवेशी बाजार की प्रकिया 17 लाख में की गई है।


प्रभात मिश्रा
नपा उपाध्यक्ष,कोतमा


Post a Comment

0 Comments